श्रील रघुनाथ भट्ट गोस्वामी की महिमा

  श्री श्री षड्- गोस्वामी-अष्टक   कृष्णोत्कीर्तन-गान-नर्तन-परौ प्रेमामृताम्भोनिधीधीराधीरजन-प्रियौ प्रियकरौ निर्मत्सरौ पूजितौश्रीचैतन्य-कृपाभरौ भुवि भुवो भारावहंतारकौवंदे रूप-सनातनौ रघुयुगौ श्रीजीव-गोपालकौ॥1॥   नानाशास्त्र-विचारणैक-निपुणौ सद्धर्म संस्थापकौलोकानां हितकारिणौ त्रिभ...

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श्री नित्यानंद त्रयोदशी

निताई गुण-मणि आमार “प्रभु नित्यानंद समस्त दिव्य गुणों की खान हैं।” (श्रील लोचन दास ठाकुर द्वारा विरचित श्री चैतन्य-मंगल से उद्धृत)   (1) निताई गुण-मणि आमार निताई गुण-मणि आनिया प्रेमेर वन्या भासाइलो अवनी   (2) प्रेमेर वन्या लइया निताई आइला गौड़-देशे डुबिलो भकत-गण दीन...

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श्रील भक्तिसिद्धान्त सरस्वती ठाकुर प्रभुपाद

  षड-गोस्वामी गण (रूप गोस्वामी, सनातन गोस्वामी, जीव गोस्वामी, गोपाल भट्ट गोस्वामी, रघुनाथ दास गोस्वामी और रघुनाथ भट्ट गोस्वामी) महाप्रभु के अतिशय प्रिय भक्त थे। वे सभी विभिन्न प्रान्तों से सर्वप्रथम पुरुषोत्तम-क्षेत्र, जगन्नाथ पुरी आए। तत्पश्चात, श्रीमन महाप्रभु के निर्देश पर वे सब वृंदावन च...

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व्यास-पूजा का वास्तविक अर्थ

  “…..श्री गौर हरि और श्री नित्यानंद प्रभु "हरे कृष्ण" महामंत्र प्रदाता, अखिल ब्रह्मांड के आध्यात्मिक गुरु और शुद्ध नाम जप के जनक हैं। वे दोनों ही ब्रह्मांड के परम उपकारक हैं, क्योंकि वे जीव दया जैसे सिद्धांतों का प्रचार करते हैं...” "...श्री गौरांग और श्री नित्यानंद प्रभ...

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भगवान् जगन्नाथ की स्नान यात्रा का रहस्य

आज स्नान-पूर्णिमा है, भगवान जगन्नाथ की स्नान-यात्रा। आज के दिन, जगन्नाथ पुरी में भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा देवी को सार्वजनिक रूप से स्नान कराया जाता है। उन्हें इस दिन सार्वजनिक रूप से स्नान क्यों कराया जाता है? इसका क्या रहस्य है? भक्त: आज भगवान जगन्नाथ का प्राकट्य दिवस है। श्री श्रीमद् गौ...

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श्रीगुरुचरण पद्म

  मैं बहुत प्रसन्न हूँ कि श्री श्री गुरु और गौरांग की अहैतुकी कृपा से मैं आज आप सब के समक्ष उपस्थित हूँ। वास्तव में, गुरु और गौरांग की कृपा के बिना आप गुह्य तत्त्व को कदापि नहीं समझ सकते हैं। न तो आप भौतिक अस्तित्व के इस भयावह सागर को पार कर सकते हैं और न ही इस जगत से परे अपने शाश्वत निवास अ...

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साधु-गुरु कृपा हि संबल

    वृषपर्वा तमाज्ञाय प्रत्यनीकविवक्षितम् । गुरुं प्रसादयन् मूर्ध्ना पादयो: पतित: पथि ॥ “राजा वृषपर्वा समझ गया कि शुक्राचार्य उसे प्रताड़ित करने या शाप देने आ रहे हैं। फलस्वरूप, इसके पूर्व कि शुक्राचार्य उसके महल में आयें, वृषपर्वा बाहर आ गया और मार्ग में ही अपने गुरु के चरणों प...

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वैष्णव जन कलियुग के अज्ञान का नाश करते हैं तथा संकीर्तन यज्ञ की सात ज्वालाएँ

  जय जय श्री कृष्ण-चैतन्य गौरचन्द्र। जयाद्वैतचन्द्र जय जय नित्यानन्द॥ “श्री कृष्णचैतन्य महाप्रभु की जय हो! श्री अद्वैतचन्द्र की जय हो! श्री नित्यानन्द प्रभु की जय हो!”   जय जय गदाधर जय श्रीनिवास।जय मुकुन्द वासुदेव जय हरिदास॥ “गदाधर प्रभु की जय हो! श्रीवास ठाकुर की...

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१०८ दिव्य रत्न (श्रील गौर गोविन्द स्वामी महाराज द्वारा)

गुरु-तत्त्व १. a) गुरु भागवत-कृपा-मूर्ति अर्थात भगवद् कृपा के साक्षात स्वरूप होते हैं। b) एक प्रमाणिक गुरु मूर्तिमान कृष्णप्रसाद होते हैं अर्थात श्रीकृष्ण कृपा के साक्षात अवतार। c) एक प्रमाणिक गुरु कृष्ण-कृपा-श्री-मूर्ति अर्थात श्रीकृष्ण की करुणा का साक्षात अवतार हैं। २. एक प्रमाणिक गुरु स्वरू...

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श्रीदामोदराष्टकम आस्वादन

कार्तिक मास में परदत्त दीप उद्बोधित करने का महात्म्य (श्रील सनातन गोस्वामी कृत हरि भक्ति विलास, सोलहवाँ विलास से उद्धृत) श्लोक 126 बोधनात् परदीपस्य वैष्णवानांच सेवनात्। कार्त्तिके फलमाप्नोति राजसूयाश्वमेधयोः॥ कार्तिक मास में परदत्त दीप उद्दीपित करने से एवं वैष्णव वृंद की सुश्रुषा करने से राज...

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गौड़ीय-गुरु-वर्ग की धरोहर

इस जगत में, चार प्रामाणिक वैष्णव सम्प्रदाय या सत्-सम्प्रदाय हैं:   श्री ब्रह्म-रुद्र सनका वैष्णवाः क्षिति पावनाः। चत्वारस्ते कलौभाव्या हयुत्कले पुरुषोत्तमात्॥ श्री-सम्प्रदाय को रामानुजाचार्य-सम्प्रदाय भी कहते हैं, क्योंकि इस सम्प्रदाय के आचार्य श्रील रामानुजाचार्य हैं। इसी प्रकार, ब्रह्मा...

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श्रीगुरु का एकमात्र सुख

  माता पिता युवतयस्तनया विभूतिः सर्वं यदेव नियमेन मदन्वयानाम्। आद्यस्य नः कुलपतेर्बकुलाभिरामं श्रीमत्तदङ्घ्रियुगलं प्रणमामि मूर्ध्ना॥ मैं हमारी भक्ति परंपरा के समस्त पूर्ववर्ती आचार्यों के पवित्र और धन्य चरण-कमलों में, जो नवविकसित बकुल-पुष्पों की भाँति मनोहर हैं, विनम्रता पूर्वक अपना प...

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